November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर मेहरबान ममता बनर्जी की सरकार!

जब भी कोई बड़ा हादसा होता है, तब सरकार और प्रशासन की नींद खुलती है. मिजोरम में रेल सेतु दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के प्रवासी शिक्षकों के मारे जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नींद खुली है. उन्होंने राज्य के प्रवासी शिक्षकों के लिए कुछ करने का बीडा उठाया है. 1 सितंबर से राज्य में एक बार फिर से द्वारे सरकार शिविर का आयोजन किया जा रहा है. द्वारे सरकार शिविर के अंतर्गत सरकार राज्य से बाहर काम कर रहे श्रमिकों की एक सूची तैयार करेगी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों के हित में कई घोषणाएं की हैं. जैसे उनकी स्वाभाविक मौत पर राज्य सरकार ₹50000 तथा अस्वाभाविक मौत होने पर यानी दुर्घटना में मौत होने पर परिवार को ₹200000 की सहायता राशि देगी. दुर्घटना में विकलांगता का शिकार होने पर ₹100000 की सहायता राशि मिलेगी. इसके अलावा दुर्घटना में मृत्यु होने पर शव को लाने के लिए श्रमिक के आश्रित को ₹25000 तथा अंतिम संस्कार के लिए ₹3000 प्रदान किए जाएंगे. राज्य के प्रवासी श्रमिकों के लिए एक पोर्टल शुरू किया जा रहा है, जिसका नाम है कर्मसाथी प्रवासी श्रमिक पोर्टल.

एक अध्ययन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के लाखों श्रमिक दिल्ली, मुंबई, गुजरात तथा देश के दूसरे राज्यों में छोटे-मोटे काम करके गुजारा कर रहे हैं. अब तक सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि कितने राज्य के श्रमिक दूसरे राज्यों में रोजी रोजगार कर रहे हैं. कोरोना काल में जब राज्य सरकार से इसका हिसाब मांगा गया था, तो सरकार के पास कोई तथ्यजनक आंकड़ा नहीं था. अब राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों से संबंधित आंकड़ा तैयार करने का फैसला किया है.यह कार्य 1 सितंबर से शुरू होने वाले द्वारे सरकार शिविर में शुरू किया जाएगा.

द्वारे सरकार शिविर में राज्य से बाहर काम करने वाले श्रमिकों के नाम, मोबाइल नंबर, उनका बैंक खाता ,नॉमिनी का नाम और पता, श्रमिकों द्वारा दूसरे राज्य में किए जाने वाले काम का विवरण इत्यादि तथ्यों की जानकारी जुटायी जाएगी. माटीगाड़ा के बीडीओ श्रीनिवास विश्वास का कहना है कि इसके लिए श्रमिकों को उपस्थित होने की जरूरत नहीं है. परिवार का कोई भी सदस्य श्रमिक के बारे में जानकारी दे सकता है. इससे एक ओर जहां प्रवासी श्रमिकों की संख्या निर्धारित हो सकेगी, वही किसी दुर्घटना के दौरान प्रवासी श्रमिकों के परिजनों के सामने सरकारी सुविधा पाने के रास्ते खुल जाएंगे.

राजनीतिक विश्लेषक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार के इस कदम को लोकसभा चुनाव में लाभ उठाने के दृष्टिकोण से जोड़कर देख रहे हैं. उन्हें लगता है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के विदेशों में बसे नागरिकों तथा एनआरआई के हित में कदम उठाते आ रहे हैं और उसका लाभ उन्हें चुनाव में मिलता रहा है, ठीक उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के प्रवासी श्रमिकों के हित की आड़ में अपना वोट पक्का करना चाहती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कदम आगे बढ़कर राज्य के प्रवासी श्रमिकों से घर लौटने और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का भी आग्रह किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप काम करने के लिए दूसरे राज्यों में क्यों जा रहे हैं? ₹500000 का लोन राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है. उसे क्यों नहीं चुन रहे हैं? आप अपने परिवार को कहीं और काम करने के लिए यहां क्यों छोड़ रहे हैं? मैं आप सभी से वापस आने के लिए कहूँगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह बात कोलकाता में एमएसएमई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही थी.

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