December 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ीवासी, निगम द्वारा आपूर्ति किए जा रहे जल का सेवन न करें, अन्यथा हो सकते हैं बीमार!

सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत आपूर्ति किया जा रहा महानंदा का जल दूषित है और यह पीने लायक नहीं है. तीस्ता का पानी सिलीगुड़ी के लोगों को उपलब्ध नहीं हो रहा है.क्योंकि तीस्ता का बांध मरम्मत का काम चल रहा है. विकल्प के तौर पर सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा महानंदा का कच्चा पानी शुद्ध करके सिलीगुड़ी वासियों को आपूर्ति किया जा रहा है. परंतु यह पानी भी शुद्ध नहीं है.

जैसे ही सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव को जानकारी हुई, उन्होंने तुरंत ही एक संवाददाता सम्मेलन किया और मीडिया के जरिए सिलीगुड़ी के लोगों के समक्ष अपनी बात रखी और कहा कि उपलब्ध कराया जा रहा जल पीने लायक नहीं है. जैसे ही उन्हें जांच रिपोर्ट मिली, उन्होंने फौरन सिलीगुड़ी के लोगों को अवगत कराया है. अतः सिलीगुड़ी के लोग इस जल का सेवन न करें और अन्य कार्यों में इसका उपयोग करें.

मेयर गौतम देव ने कहा है कि 2 जून की शाम तक तीस्ता का पानी सिलीगुड़ी के लोगों को नल के जरिए उपलब्ध हो जाएगा. उससे पहले यह संभव नहीं है. गौतम देव ने आश्वासन दिया कि सिलीगुड़ी नगर निगम सिलीगुड़ी के वार्ड में वॉटर टैंक और पाउच की आपूर्ति करेगा. ताकि लोगों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि हमने इतने दिनों तक लोगों को जल का संकट होने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा सिलीगुड़ी के लोगों को जल संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए महानंदा का पानी शुद्ध करके दिया जा रहा था. लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट नकारात्मक आई है. अतः इस जल को पिया नहीं जा सकता है. बताया जा रहा है कि महानंदा के जल में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड बढ़ने के कारण यह पानी कई बीमारियों का कारण बन सकता है.

सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कहा है कि सिलीगुड़ी के प्रत्येक नागरिक को सूचित करने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा अखबारों में और मीडिया के जरिए विज्ञापन भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम माइक के जरिए भी लोगों को जागरूक करने जा रही है. लोगों को बताया जाएगा कि वह महानंदा के पानी का इस्तेमाल खाना पकाने अथवा पीने के काम में ना लाएं. ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है.

अब सवाल यह है कि सिलीगुड़ी के लोग तो क्या इतने दिनों तक महानंदा का अशुद्ध पानी ही पी रहे थे. सवाल यह भी है कि जलापूर्ति के पहले पानी की शुद्धता की जांच क्यों नहीं की गई? आज मेयर की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुछ ऐसा ही कहा है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी के लोगों को दूषित जल का सेवन करा रहे थे. उन्होंने जलापूर्ति से पहले जल की शुद्धता की जांच क्यों नहीं कराई? उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी के लोगों को अगर कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? मेयर गौतम देव को इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जल परीक्षण के बगैर ही लोगों को जल आपूर्ति कराई जाती है, यह कैसी व्यवस्था है!

विधायक शंकर घोष का सवाल कहीं ना कहीं वाजिब भी है. क्योंकि जल परीक्षण के द्वारा ही जल की शुद्धता का पता चलता है. नागरिक जलापूर्ति से पहले जल की शुद्धता का परीक्षण किया जाना चाहिए और उसके बाद ही जल का वितरण किया जाता है. सिलीगुड़ी नगर निगम और मेयर की तरफ से हालांकि अभी इस पर विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है. उम्मीद की जा रही है कि विधायक शंकर घोष और सिलीगुड़ी के अन्य प्रबुद्ध जनों के सवालों का गौतम देव जवाब देंगे. इस बात का भी खुलासा करेंगे कि सिलीगुड़ी के लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा जल का परीक्षण पहले किया गया था या नहीं. अगर नहीं किया गया था तो उसका कारण क्या था? यह किसकी लापरवाही है? अब देखना होगा कि गौतम देव लोगों के सवालों का किस तरह से जवाब देते हैं.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *