June 27, 2025
Sevoke Road, Siliguri
जुर्म उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

धीराज घोष की गिरफ्तारी से बढ़ी सिलीगुड़ी के कई व्यापारियों की मुसीबत!

मीडिया खबरों के अनुसार पुलिस के रिकॉर्ड में सुपारी तस्करी का मास्टर माइंड धीराज घोष की गिरफ्तारी तथा रिमांड अवधि में खोले उसके कई राजों से एक तरफ दार्जिलिंग जिला पुलिस की बांछें खिल गई हैं, तो दूसरी तरफ सिलीगुड़ी के कई व्यापारियों की मुसीबत भी बढ़ गयी है. सुनने में आ रहा है कि धीराज घोष से जुड़े कई व्यापारी भूमिगत हो चुके हैं. धीराज घोष को कोर्ट में पेश किया जा रहा है. पुलिस सुपारी तस्करी के इस नेटवर्क को नेस्तनाबूद करना चाहती है. इसलिए वह उन सभी व्यापारियों की तलाश कर रही है, जो धीराज घोष के संपर्क में हैं और जो खासतौर पर पान मसाला, बिल्डर, प्रॉपर्टी डेवलपर, चार्टर्ड अकाउंट का काम करने वाले, चोरी की सुपारी और पान मसाले खरीदने से संबंधित कारोबारी हैं.

एक लंबे अरसे के बाद पुलिस की इस तरह की कार्रवाई सुर्खियों में है. सिलीगुड़ी से मसाले और सुपारी का कारोबार करने वाले उत्तर बंगाल के सभी जिलों के व्यापारी, जयगांव और सीमावर्ती राज्यों के सभी व्यापारियों के पैरों तले की जमीन खिसक गई है. सूत्रों का दावा है कि 5 दिनों तक पुलिस रिमांड में रहने के बाद धीराज घोष ने कई राज उगले हैं. जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है. इस मामले में पुलिस काफी फूंक फूंक कर कदम रख रही है. पुलिस संदिग्ध व्यापारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही है, ताकि उनकी गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त हो सके.

अब तक की जांच कार्रवाई से पता चला है कि यह तस्करी नेटवर्क काफी बड़ा है. परंतु धीराज घोष को इस तस्करी नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जा रहा है. आरोप है कि सुपारी व मसाले की तस्करी में धीराज घोष तस्करी के माल को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करता था. उसके मकान, दुकान, कार्यालय आदि की तलाशी के बाद पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. इसके बाद पुलिस ने धीराज घोष के करीबी लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है.

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक की छापेमारी और कार्रवाई में पुलिस को जो महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, उनमें फर्जी जीएसटी बिल, वित्तीय लेनदेन से जुड़े कागजात, ई- वे बिल इत्यादि शामिल हैं. पुलिस ने प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर मिलन पल्ली में रहने वाले एक ईंट और प्रॉपर्टी डेवलपर से भी पूछताछ की है. प्रॉपर्टी डेवलपर से पूछताछ के बाद पुलिस अन्य संदिग्ध व्यापारियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.

सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस के रिकॉर्ड में सिलीगुड़ी के कई व्यापारियों की सूची बन चुकी है, जिनसे पुलिस पूछताछ करने वाली है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाली है. इनमें सिलीगुड़ी के कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल हैं. हालांकि उनके नाम अभी तक उजागर नहीं हो रहे हैं. खासतौर पर वे चार्टर्ड अकाउंटेंट जो फर्जी दस्तावेज तैयार करने में माहिर हैं. सूत्र बता रहे हैं कि अपनी गिरफ्तारी की प्रबल आशंका को देखते हुए कई व्यापारी भूमिगत हो चुके हैं या फिर सिलीगुड़ी से बाहर पलायन कर गए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार निकट भविष्य में पुलिस कई बड़ी छापेमारियां कर सकती हैं. पुलिस के पास जो पुख्ता सबूत प्राप्त हुए हैं, उनके आधार पर कुछ लोगों की गिरफ्तारी संभव है. जीएसटी और आयकर विभाग के साथ पुलिस का समन्वय देखा जा रहा है. तीनों पक्ष एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं. इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि जल्द ही कई संदिग्ध व्यापारी पकड़े जा सकते हैं. आपको बताते चलें कि सुपारी, बड़ी इलायची तथा अन्य मसाले मलेशिया से भारत आयात किए जाते हैं.

यह कारोबार इतना बड़ा है कि मसाले की तस्करी को रोकना आसान नहीं है. हालांकि भारत नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बलों की सख्ती के कारण पानी टंकी मार्ग से भारत में तस्करी की गुंजाइश बहुत कम हो गई है. लेकिन आज भी ट्रकों के जरिए असम, अलीपुरद्वार और कूचबिहार के गोदाम में सुपारी तथा अन्य मसालों को पहुंचाया जाता है. यहां से सिलीगुड़ी और देश के दूसरे राज्यों में माल ले जाया जाता है, जहां गुटखा और पान मसाले की फैक्ट्रियां स्थित है.

फर्जी जीएसटी बिल और ई वे बिल को लेकर अब तक जो खुलासा हुआ है, उसके अनुसार पश्चिम बंगाल के कृषि विपणन विभाग को मार्केटिंग राजस्व दिया जाता है. उसके बाद पर्ची काटी जाती है. इसी पर्ची के आधार पर फर्जी जीएसटी बिल और ई वे बिल तैयार किया जाता है. तत्पश्चात माल रवाना किया जाता है. इस कार्य में कई सीए शामिल हैं, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं या इस प्रक्रिया में मदद देते हैं.

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