March 29, 2024
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LIC में लगाया आपका पैसा कितना सुरक्षित है?

यूं तो एलआईसी भारत में एक विश्वसनीय वित्तीय बीमा संस्थान के रूप में जाना जाता है. जहां किसी भी प्रोडक्ट की खरीद में निवेशकों के पैसे को सुरक्षित माना जाता है. लेकिन आपका पैसा हर बार सुरक्षित ही हो, ऐसा नहीं है. हालांकि यह सब आपके द्वारा ली जाने वाली पॉलिसी पर निर्भर करता है. इसमें कुछ risk भी है, तो कुछ गेनर भी.

दूसरी बीमा कंपनियों के मुकाबले एलआईसी से रिटर्न कोई ज्यादा नहीं है. यह इसलिए है कि एलआईसी कंपनी ग्राहकों का पैसा प्राय: debt फंड में लगाती है, जहां ग्राहक का पैसा सुरक्षित माना जाता है. लेकिन इक्विटी फंड जैसा रिटर्न नहीं मिलता. Debt फंड में ग्राहक का पैसा सुरक्षित है. परंतु return कम है. लेकिन इक्विटी फंड में रिटर्न ज्यादा है तो रिस्क भी ज्यादा है. ऐसे फंड में निवेश करने वाले ग्राहक अदानी ग्रुप के डूबने पर निराश ही होंगे.

जीवन बीमा कराने वाले लोग एलआईसी के प्रोडक्ट खरीद कर निश्चिंत रहते हैं कि अवधि पूरी होने पर उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा और ऐसा होता भी है. हालांकि यह भी सत्य है कि एलआईसी निवेशकों के पैसे का सही इस्तेमाल करती है और LiC के ज्यादातर निवेश सरकारी संपत्तियों में ही होते है. इसलिए यह माना जाता है कि एलआईसी कराने वाला व्यक्ति कभी घाटे में नहीं रह सकता.

लेकिन यह सवाल क्यों उठ रहा है कि एलआईसी में लगाया आपका पैसा क्या सुरक्षित है? दरअसल पिछले दिनों एक भूचाल ने एलआईसी को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पिछले हफ्ते अदानी ग्रुप के शेयर औंधे मुंह गिरे हैं. एलआईसी ने अदानी ग्रुप की पांच कंपनियों में भारी पैसा निवेश किया है और 1% से लेकर 9% तक की हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसका असर एलआईसी और आम आदमी के निवेश पर नहीं पड़े, ऐसा हो नहीं सकता.

24 जनवरी को अमेरिकी हिंडन बर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के प्रकाशित होने से ठीक पहले अदानी ग्रुप की वृद्धि 77,268 करोड़ थी. अमेरिकी हिंडन वर्ग की रिपोर्ट में अदानी ग्रुप की वृद्धि को इतिहास का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट घोटाला बताया गया था. इसके बाद ही कंपनियों की मार्केट वैल्यू में पिछले 2 दिनों के दौरान 4,08, 122 यानी लगभग 50 billion-dollar से ज्यादा कम हो गई.

आपको बताते चलें कि एलआईसी ने 302 करोड रुपए का निवेश अदानी ग्रुप की कंपनियों में किया हुआ है. उसका शेयर होल्डिंग 4.23% है. ऐसे में यह सवाल सभी को परेशान कर रहा है कि अगर अदानी ग्रुप डूबा तो एलआईसी का क्या होगा? इसका जवाब अगले हफ्ते के मार्केट पर निर्भर करता है, जब अदानी ग्रुप की कंपनियों के फंड वैल्यू की प्रतिक्रिया सामने आएगी. अगर अदानी ग्रुप रिकवर करता है तो एलआईसी निवेशक को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर नकारात्मकता हावी रहती है तो एलआईसी को अपने निवेशकों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाना होगा.

हालांकि यह भी ठीक है कि एल आई सी short term के लिए नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करती है. लॉन्ग टर्म में निवेशक का रिटर्न हमेशा ही बढ़िया रहा है. एलआईसी के पॉलिसी होल्डर को उम्मीद रखनी चाहिए कि सब कुछ ठीक होगा और उनका पैसा मार्केट के उतार-चढ़ाव में प्रभावित नहीं होगा!

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