May 9, 2024
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उत्तर बंगाल चाय श्रमिकों के चेहरे पर लौटी मुस्कान! तराई-समतल-Dooars के चाय बागान श्रमिकों को मिलेगा 19% बोनस!

दुर्गा पूजा से पहले उत्तर बंगाल के तराई, समतल और Dooars क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों के चेहरे पर जबरन मुस्कान लौट आई है. क्योंकि अब उन्हें 19% की दर से बोनस मिलेगा. लेकिन दार्जिलिंग पर्वतीय इलाके के चाय बागान श्रमिकों के चेहरे पर मायूसी छायी है. हालांकि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही प्रबंधन और यूनियन पक्ष उनके हक में फैसला देगा.

सिलीगुड़ी के आसपास तराई, Dooars और समतल सभी ओर जहां भी नजर जाती है, वहां चाय बागान और हरियाली जरूर नजर आएगी. सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल चाय बागान के लिए ही प्रसिद्ध है. उत्तर बंगाल में एक समय भारी संख्या में चाय बागान होते थे. लेकिन उनमें से कई चाय बागानों पर अब ताला लग चुका है. चाय बागान के श्रमिक जो दूसरों की जिंदगी में मिठास घोलते हैं, उनकी खुद की जिंदगी से मिठास खत्म होती जा रही है.

दिन पर दिन बंद होते चाय बागानों के कारण अनेक चाय श्रमिकों की जिंदगी अत्यंत कष्टदायक हो गई है. कई श्रमिक तो घर परिवार चलाने के लिए ‘परदेश’ चले गए है, तो कुछ महिलाएं घर पर रहते हुए कम पैसे में ही अपने परिवार का गुजारा कर रही हैं. चाय बागान के श्रमिकों को जो वेतन मिलता है उससे तो उनका खर्च भी पूरा नहीं होता है. उन्हें हर साल पूजा बोनस का इंतजार रहता है!

एक चाय श्रमिक ने बताया कि पूजा बोनस से ही उनके घर की आवश्यकताओं की यथासंभव पूर्ति करनी पडती है. बच्चों के लिए नए कपड़े जूते लेते हैं. थोड़ा घूमना फिरना भी हो जाता है. कुछ दिनों की खुशी मिलती है और फिर जीवन एक ही पटरी पर चलता है. चाय बागान श्रमिकों की जिंदगी में उजाला लाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के यूनियन नेताओं की ओर से पूर्व में भी काफी प्रयास किए गए हैं. हाल ही में भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने भी काफी प्रयास किया था. हालांकि देखा जाए तो चाय बागान श्रमिकों के वेतन वृद्धि को लेकर फैसला कम और राजनीति ज्यादा होती है.

जो भी हो, चाय बागान के श्रमिकों के पक्ष में फैसला आया है. हालांकि देखा जाए तो पिछले वित्त वर्ष में उन्हें 20% की दर से बागान प्रबंधन के द्वारा बोनस का भुगतान किया गया था. इस वित्त वर्ष में उन्हें एक प्रतिशत कम अर्थात 19% की दर से बोनस का भुगतान किया जाएगा. प्रबंधक भी राहत की सांस ले रहे हैं. पिछले कई दिनों से चाय बागान श्रमिक यूनियन और प्रबंधन पक्ष के बीच मीटिंग,संवाद और सुलह की कोशिश चल रही थी. अब फैसला आ चुका है. भारतीय चाय संघ के महासचिव प्रवीर भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा है कि प्रबंधन पक्ष और यूनियन के बीच सहमति बन गई है. चाय बागान श्रमिकों को 19% बोनस दिया जाएगा.

उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र को छोड़कर फिलहाल 135 चाय बागान चालू हालत में है. लेकिन उनमें से कई की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. कई चाय बागान बंद होने के कगार पर भी हैं. इन सभी चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों को 19% की दर से बोनस दिया जाएगा. इस फैसले के बाद दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों को भी एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है. दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिक और प्रबंधन पक्ष के बीच मामला सुलह होता नजर नहीं आ रहा है. यहां के चाय बागान श्रमिक 20% की दर से बोनस की मांग कर रहे हैं जबकि प्रबंधन पक्ष 8.33% की दर से बोनस का भुगतान करना चाहता है. इसको लेकर पूर्व में कई बार बैठक हो चुकी है. लेकिन नतीजा शून्य रहा.

आज इस फैसले के बाद दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के चाय बागान के श्रमिकों को भी लगता है कि प्रबंधन पक्ष जरूर एक सकारात्मक कदम उठाएगा. दुर्गा पूजा में समय काफी कम रह गया है. अब देखना होगा कि दार्जिलिंग पर्वतीय इलाके के चाय बागान श्रमिकों के चेहरे पर पूजा की मुस्कान आती है या नहीं. फिलहाल तो उत्तर बंगाल के चाय बागान श्रमिकों के चेहरे पर फीकी मुस्कान नजर आ रही है.

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