April 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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क्या सिलीगुड़ी में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है?

सिलीगुड़ी में एक पर एक बढती आपराधिक घटनाओं के बाद विपक्षी पार्टियों ने सिलीगुड़ी की कानून व्यवस्था को लेकर तृणमूल कांग्रेस और प्रदेश सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. भाजपा की ओर से सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष सह विधायक आनंदमय बर्मन ने सिलीगुड़ी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. माकपा संगठन की ओर से भी पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी गई है. लेकिन क्या सचमुच सिलीगुड़ी की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है?

भाजपा विधायक आनंदमय बर्मन ने सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश में कानून का राज खत्म होने का दावा किया है. भाजपा विधायकों ने सिलीगुड़ी पुलिस प्रशासन और तृणमूल कांग्रेस को आडे हाथों लेते हुए कहा है कि यह सभी आपराधिक घटनाएं तृणमूल के इशारे पर हो रही हैं. सिलीगुड़ी में अपराध के तेजी से बढ़ते ग्राफ को लेकर भाजपा के सिलीगुड़ी सांगठनिक जिले की ओर से एक विरोध रैली निकाली गई थी. यह रैली हाशमी चौक से शुरू हुई और शहर के विभिन्न इलाकों की परिक्रमा करते हुए समाप्त हुई. रैली में नांटू पाल, अमित जैन, विवेक सिंह, शालिनी डालमिया ,संचिता देवनाथ, सोमा दे आदि भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे.

दूसरी ओर माकपा के श्रमिक संगठन सीटू ने भी एक रैली निकाली और सिलीगुड़ी में कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब बताते हुए प्रशासन पर हमला बोला. सीटू की दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से मुंह पर काली पट्टी बांधकर एक जुलूस निकाला गया और हाशमी चौक पर प्रतिवाद भी किया गया. सीटू की ओर से विमल पाल ने कहा है कि सिलीगुड़ी में अपराध बढ़ रहा है. समाज विरोधी तत्वों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा करने में पुलिस असहाय साबित हो रही है. सीटू की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर सिलीगुड़ी की कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कांग्रेस ने भी सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता जताई है.

हालांकि विपक्षी पार्टियों को सरकार और प्रशासन की आलोचना करने का पूरा अधिकार है. परंतु कुछ बातें ऐसी है, जिन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता. यू तो सिलीगुड़ी में अपराध पहले भी होते रहे हैं, परंतु विगत कुछ दिनों से यहां आपराधिक मामलों में जिस तरह से तेजी आई है, वैसा विगत कई वर्षों में भी नहीं देखा गया. अगर सिलीगुड़ी में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी पार्टियां शोर मचाती हैं तो इसमें कुछ भी अचरज की बात नहीं है. इन दिनों सिलीगुड़ी में बढ़ते अपराध की सुर्खियां ही हैं.

सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस पूरी तरह गंभीर है. पुलिस कमिश्नर अखिलेश चतुर्वेदी पहले ही कह चुके हैं कि अपराधियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा तथा उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे. जिस तरह से सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने घटनाओं के आलोक में त्वरित ढंग से कार्रवाई की है, उससे ऐसा नहीं कहा जा सकता कि सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस किसी घटना को हल्के से ले रही है. अपराधियों को भी पकड़ा जा रहा है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस अपराध की गुत्थी को भी त्वरित ढंग से सुलझा रही है.

सिलीगुड़ी में अचानक बढी घटनाओं की वजह अलग-अलग है. कुछ आपराधिक घटनाएं ऐसी हैं, जिन पर पुलिस का ध्यान कम ही गया है या फिर कुछ आपराधिक घटनाएं परिस्थिति से उत्पन्न हुई है. इन सभी मामलों में पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की है. पुलिस का खुफिया तंत्र भी मजबूत है. संसाधनों की भी कमी नहीं है. लेकिन अब समय आ गया है कि पुलिस को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाते हुए बदलते समय और अपराध के हिसाब से तंत्र को मजबूत करे. सिलीगुड़ी की जनता में भरोसा बढ़ाने तथा अपराधियों के दांत खट्टे करने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस को एक अभियान चलाने की जरूरत है. इससे अपराधियों में खौफ उत्पन्न होगा और अपराध का ग्राफ नीचे आएगा. पुलिस और प्रशासनिक एकता के साथ ही स्थिति में बदलाव हो सकता है. इससे माहौल बदलेगा. अगर पुलिस यह सब करने में सफल रहती है तो आज सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा बनाकर जो लोग प्रशासन पर हमले कर रहे हैं, उनके विचार अवश्य बदलेंगे.

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